Sunday, February 1, 2009

ज़र्दा

सामग्री
बासमती चावल -- एक कप
चीनी----------- / कप
घी--- ----------दो बड़े चम्मच
काजू-----------दो चम्मच
किशमिश-------दो चम्मच
केसर-----------दो चुटकी

विधि--
चावल को साफ़ करके एक घंटा भीगने देंएक बड़े बर्तन में चावल को ज्यादा पानी डाल कर आंच पर चढ़ा देंकेसर को पानी में घोल कर इसमें मिला देंएक खौल आने पर आंच धीमी कर दें और चलाते रहेंचावल का एक दाना लें उसको उंगली से दबा कर देखें, जब दो कनकी रह जाएँ तब उसे आंच से हटा लें और एक कपड़े से छान लेंइससे हमें अधपका और मांड निकला चावल मिलेगा
एक भारी तली के बर्तन में थोड़ा घी डाल कर फैला लें अब इसमें चावल, चीनी और घी की पर्त लगाते जाएँ बीच बीच में काजू और किशमिश भी डाल देंइसको बहुत ही धीमी आंच पर रख देंजब चीनी पूरी तरह घुल जाए तो आंच बंद कर दें। कुछ देर दम होने दें । ज़र्दा तैयार हैगरमा गरम परोसें

ध्यान रखें ----
चावल पकाते समय पानी की मात्रा ज्यादा रखें
चावल अधपका ही रखें
भारी तली का बर्तन हो तो बर्तन को तवे के ऊपर रख कर पका सकते हैं
चीनी घुलने के बाद यदि चावल सख्त या ऐंठा लगे तो उसमें पानी डालें उसकी जगह कुछ चम्मच दूध का प्रयोग कर सकते हैं

12 comments:

  1. नया ब्लॉग बढ़िया जायके के साथ बधाई

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  2. आपने वहाँ बताया हम यहाँ आ गये, कुछ नया सीखने को


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    ज़रूर पढ़ें:
    हिन्द-युग्म: आनन्द बक्षी पर विशेष लेख

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  3. 'गुरु' जी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। ब्लॉगिंग के क्षेत्र में मैं नई हूँ। इसमें कहीं समस्या आई तो सहायता के लिए जरूर आऊंगी।

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  4. बहुत खूब जी, सुँदर जायकेदार व्यँजन बतलाया स्वागत है !
    - लावण्या

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  5. thanks for new and tasty dish.

    http://ashokvichar.blogspot.com

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  6. Kya kabhi maibhee apnaa zaykaa aapko chakha saktee hun ??
    Bohot khushee hogee...!
    Swagat aur anek shubhechhayen...mere blogpe aanekaa snehil nimantran bhee..

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  7. ज़रूर शमा जी। मुझे इंतज़ार रहेगा।

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  8. पढ़ कर मज़ा आ गया .. शिखा जी ये कभी खाने को भी मिलेगा.. बधाई एक अच्छी रेसेपी के लिए और पकवानों का भी इंतेज़ार रहेगा.

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  9. आज ही अपनी पत्नी से इसे बनवाकर इसका जायका लेता हूं फिर आपको इस पर टिप्पणी दूंगा। तब तक इतना ही।
    श्याम बाबू शर्मा
    http://shyamgkp.blog.co.in
    http://shyamgkp.blogspot.com
    http://shyamgkp.rediffiland.com

    E mail- shyam_gkp@rediffmail.com

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  10. आज आपका ब्लॉग देखा....... बहुत अच्छा लगा. मेरी कामना है की आपके शब्दों को नए अर्थ, नई ऊर्जा और विराट सामर्थ्य मिले जिससे वे जन सामान्य के सरोकारों की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम बन सकें.....
    कभी समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर पधारें-

    http://www.hindi-nikash.blogspot.com

    सादर-
    आनंदकृष्ण, जबलपुर

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